इस साल चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल से होने जा रहा है. 17 अप्रैल को महानवमी के साथ चैत्र नवरात्रि समाप्त हो जाएंगे.
चैत्र नवरात्रि में प्रतिपदा तिथि यानी पहले दिन घटस्थापना होती है. इसे कलश स्थापना भी कहते हैं. घटस्थापना के बाद ही मां दुर्गा के स्वरूपों की उपासना शुरू होती है.
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ज्योतिषविदों की मानें तो घटस्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में करना ही उत्तम माना जाता है. जबकि कुछ योग-दुर्योग ऐसे भी होते हैं, जिनमें घटस्थापना नहीं होती है.
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इस बार भी ऐसा ही एक योग बन रहा है. यदि आप किसी कारणवश दोपहर बाद घटस्थापना की सोच रहे हैं तो पहले इस अशुभ काल के बारे में जान लीजिए.
इस साल चैत्र प्रतिपदा तिथि पर राहु काल लगने वाला है. इस दिन राहु काल दोपहर 03.34 बजे से शाम 05:08 बजे तक रहेगा. इस अशुभ घड़ी में कलश स्थापना न करें.
इस साल चैत्र नवरात्रि की घटस्थापना का पहला मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 6.05 बजे से 10.16 बजे के बीच था.
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हालांकि नवरात्रि की घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में सबसे शुभ मानी गई है. और इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.57 बजे से दोपहर 12.47 (50 मिनट) बजे तक रहेगा.
नवरात्रि में सबसे पहले शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाती है. फिर देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है. इसके बाद ही नवरात्र व्रत का संकल्प लिया जाता है.