4 april 2025
aajtak.in
चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी 5 अप्रैल यानी कल है. ज्योतिषियों की मानें तो, नवरात्र की अष्टमी तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ मानी जाती है.
महाअष्टमी के दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है. साथ ही, इस दिन कई लोग व्रत का पारण कन्या पूजन के साथ करते हैं. अष्टमी तिथि के कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है.
नवरात्र के कन्या पूजन में छोटी छोटी कन्याओं को पूजा की जाती है और उन्हें भोजन कराकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है.
साथ ही, इस दिन कन्या पूजन में इन कन्याओं के साथ एक लड़का भी बिठाया जाता है जिसे बटुक भैरव कहा जाता है. 9 कन्याएं मां दुर्गा का 9 स्वरूप मानी जाती है.
कन्या पूजन में 2 से 11 वर्ष की कन्या के पूजन का विधान है. अलग अलग उम्र की कन्या देवी के अलग-अलग रूप को बताती है.
इस दिन छोटी उम्र की कन्या को आदर सहित घर पर बुलाएं और उन्हें ऊंचे आसन पर बैठाकर उनकी पूजा करें. उनके चरण साफ जल से धुलाएं.
फिर, उन्हें चुनरी ओढ़ाकर माला पहनाएं. उन्हें सात्विक भोजन खिलाएं, विशेष रूप से हलवा पूरी खिलाएं. इसके बाद उन्हें दक्षिणा और उपहार देकर, चरण स्पर्श करके उन्हें श्रद्धापूर्वक विदा करें.
चैत्र नवरात्र की अष्टमी के दिन कन्या पूजन अभिजीत मुहूर्त में करना चाहिए. इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59 से लेकर दोपहर 12:29 मिनट तक है.