By: Aaj Tak

महानवमी पर क्या है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त?

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नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. नवमी तिथि घटस्थापना यानी नवरात्रि के पहले दिन जितनी ही महत्वपूर्ण होती है.

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नवमी पर मां को प्रसन्न करने के लिए विधिवत तरीके से पूजा की जाती है. महानवमी पर कन्या पूजन के साथ ही नवरात्रि का समापन हो जाता है.

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आइए आपको इस बार महानवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व के बारे में बताते हैं.

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इस बार महानवमी गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी. इन शुभ योगों में आप कन्या पूजन भी कर सकते हैं.

महानवमी पर शुभ योग


गुरु पुष्य- सुबह 6.14 से 31 मार्च सुबह 6.12 तक
अमृत सिद्धि- सुबह 4.41 से सुबह 5.28 तक सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 11.45 से 12.30 तक

कन्या पूजन के लिए मुहूर्त

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महानवमी से एक दिन पहले कन्या पूजन के लिए कन्याओं को आमंत्रित करें. घर आने वाली कन्याओं का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत करें.

कन्या पूजन की विधि

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नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाएं. कन्याओं के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर धोएं और फिर पैर छूकर आशीष लें.

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इसके बाद माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम लगाएं. फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं.

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भोजन में आप हलवा, पूरी और चने इनकी थाली में परोस सकते हैं. इसके बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें.

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