चैत्र नवरात्रि में नौवें दिन महानवमी मनाई जाती है. इस दिन नवदुर्गा के नौवें रूप मां सिद्धिदात्री और कन्या पूजन किया जाता है.
अक्सर लोग महानवमी पर कई ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनकी साधना, उपासना निष्फल हो जाती हैं.
महानवमी के दिन नए कार्य की शुरुआत करने की मनाही होती है. ऐसा कहते हैं कि नवमी रिक्त तिथि होती है.
इस दिन कन्या पूजन के साथ देवी की विदाई होती है. व्रत का विधिवत पारण होता है. इसलिए इस दिन नए कार्य की शुरुआत से बचना चाहिए.
महानवमी के दिन गलती से भी लौकी की सब्जी नहीं खानी चाहिए. इस दिन मां का प्रिय भोग हलवा, चने और पूरी को ही खाना चाहिए.
नवरात्रि की शुभ अवधि में लहसुन, प्याज से परहेज होता है. महानवमी पर भी इस नियम का सख्ती से पालन किया जाता है.
महानवमी के दिन काले कपड़ों से रहें सावधान. इस दिन बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ होता है. यह रंग मां सिद्धिदात्री को प्रिय है.
महानवमी की पूजा के दिन देर तक न सोते रहें. सुबह जल्दी स्नान करें. यदि व्रत नहीं भी रखा है तो भी जल्दी स्नान करके पूजा अवश्य करें.
हवन के बिना नवरात्रि की पूजा-पाठ बिल्कुल अधूरी होती है. हवन के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हवन सामग्री कुंड के बाहर ना गिरे.