आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान बुरे समय में सारस पक्षी से भी कुछ सीख ले सकता है.
चाणक्य के अनुसार, इंसान के बुरे समय में सारस ली गई यह सीख उसे आगे बढ़ने में मदद करेगी.
चाणक्य कहते हैं कि जब इंसान का बुरा समय चल रहा हो तो उसे ज्यादा घबराना नहीं चाहिए.
ऐसे समय में इंसान को समझदार बनकर हमेशा सारस पक्षी की तरह होश में रहकर काम करना चाहिए.
सारस ऐसा पक्षी जो कि मुश्किल वक्त में अपना होश नहीं खोता है और समझदारी से मुश्किल को पार कर लेता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान को बुरे समय में कोई भी फैसला करने से बचाव करना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, हमेशा इंसान को शांति से सोच-समझकर परिस्थिति से बाहर निकलने का हल सोचना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, कितना भी इंसान का बुरा समय क्यों न चल रहा हो, उसे हमेशा खुद पर संयम रखना चाहिए.
जो इंसान ऐसा करने में सफल हो जाता है वह इंसान किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त कर लेता है.