15 July 2024
By- Aajtak.in
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसा भी धन होता है जो लंबे समय तक घर में नहीं टिक पाता है.
आचार्य चाणक्य का कहना है कि ऐसा धन सिर्फ कुछ वर्षों तक ही इंसान के पास रह पाता है.
आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य के पास जो धन अन्याय से कमाया हो, वह हद से हद सिर्फ 10 साल तक ही ठहरता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दसवें के बाद ग्यारहवां साल शुरू होते ही ब्याज और मूल समेत नष्ट हो जाता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, आपके घर ऐसा धन तो आता है लेकिन किसी न किसी जरिए वापस चला जाता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, इस तरह का पैसा कमाने वालों के घर में कभी बरकत नहीं होती है. माहौल में खुशहाली नहीं रहती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो इंसान हमेशा ईमानदारी से पैसा कमाता है, उसे कभी किसी बात की चिंता नहीं रहती है.
चाणक्य के अनुसार, ईमानदारी से कमाने वाले का एक रुपया भी दो रुपयों के बराबर होता है.
इसके साथ ही चाणक्य कहते हैं कि ईमानदारी से पैसा कमाने वाले आदमी का समाज में भी नाम-सम्मान खूब होता है.