कुशल अर्थशास्त्री कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य ने कुछ उपाय बताए हैं जो अभी भी प्रासंगिक है.
अपनी नीति शास्त्र में उन्होंने एक श्लोक के माध्यम से उन पांच लोगों का उल्लेख किया है जिनके बीच में आने से परेशानी आ सकती है.
चाणक्य कहते हैं कि दो विद्वान के बीच कभी नहीं आना चाहिए. इनके बीच में आने से आपका नुकसान हो सकता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब दो विद्वान लोग बात करते हैं और तीसरा कोई उनके बीच में आता है तो उसे मूर्ख समझा जाता है.
नीति शास्त्र में उन्होंने कहा है कि स्वामी और सेवक में हो रही बात के बीच में नहीं आना चाहिए.
चाणक्य के मुताबिक, पति और पत्नी कोई निजी बात कर रहे हों तो उन्हें टोकना या उनकी बातचीत को बीच में भंग नहीं करना चाहिए.
श्लोक के माध्यम से चाणक्य कहते हैं कि अगर कहीं पर हवन हो रहा हो तो पंडित और अग्नि के बीच में बाधा उत्पन्न नहीं करना चाहिए.
खेती के दौरान किसी व्यक्ति को किसान के हल औऱ बैल के बीच में नहीं आना चाहिए.