आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में इंसानों और पशुओं को लेकर कई जरूरी बात कही हैं
आचार्य चाणक्य मनुष्य और पशुओं में चार चीजें समान बताते हैं
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भोजन, नींद, डर और मैथुन करना इंसान और पशु, दोनों में समान बातें हैं
आचार्य चाणक्य का आशय है कि इंसान और जानवर, दोनों ही भोजन करके पेट भरते हैं
नींद लगने पर दोनों सोते हैं, अलग-अलग स्थिति में दोनों डरते भी हैं और संतान पैदा करने के लिए मैथुन भी करते हैं
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सिर्फ ज्ञान ही ऐसी चीज है जो मनुष्य और पशु को अलग बनाती है
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अच्छे-बुरे का ज्ञान, विद्या का ज्ञान आदि सिर्फ मनुष्य ही प्राप्त कर सकता है
इसी वजह से आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर इंसान के पास ज्ञान नहीं वह पशु समान है