आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी नीतियों का वर्णन किया है जिसके मार्ग पर चलकर या जिसे अपनाकर मनुष्य अपने जीवन के दुख-दर्द को दूर कर सकता है.
चाणक्य ने व्यक्ति की कुछ ऐसी आदतों का भी जिक्र किया है जो उन्हें गरीबी के दलदल में धकेल देती हैं. आइए उन बुरी आदतों के बारे में जानते हैं.
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चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति बेशक गरीब हो, लेकिन उसे हमेशा साफ-सुथरा रहना चाहिए. अन्यथा घर में कभी लक्ष्मी वास नहीं करती हैं. ऐसे लोग हमेशा तिरस्कृत होते रहते हैं.
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अपने घर में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें. रोजाना स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें. सुबह-शाम दोनों पहर ईश्वर की उपासना करें.
चाणक्य के मुताबिक, बेवक्त जरूरत से अधिक खान-पान से घर में दरिद्रता आती है. चाणक्य कहते हैं कि दरिद्रता व्यक्ति को और गरीब बनाती है. ये सेहत के लिए भी हानिकारक है.
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साथ ही, खाना हमेशा जमीन या खाने की टेबल पर बैठकर ही खाना चाहिए. भूलकर भी बेडरूम या बिस्तर पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए.
चाणक्य कहते हैं कि इंसान को कभी गलत तरकीबों से धन नहीं कमाना चाहिए. गलत तरीके से कमाया हुआ धन ज्यादा दिनों तक नहीं टिकता है. ऐसे लोग हमेशा परेशान रहते हैं.
चाणक्य के मुताबिक, धूर्त व्यक्ति कितना भी धन कमा ले वो कभी संतुष्ट और सुखी नहीं रह पाता है. इसलिए जीवन में ये गलतियां कभी न करें.