आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार, इंसान चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, कुछ चीजें उसे भाग्य से ही मिलती हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जब एक बच्चा मां के गर्भ में पल रहा होता है, तभी उसके भाग्य में पांच चीजें लिख दी जाती हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी इंसान की आयु उसी समय लिख दी जाती है, जब वह मां के गर्भ में होता है.
इसलिए ही कहा जाता है कि कोई कितना भी धन या कोशिश कर ले, किसी की आयु को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता है.
वहीं आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान जो जीवन में कर्म करता है, वह सब भी उसके भाग्य में पहले से ही तय होता है.
यहां तक कि इंसान के पास जो धन संपत्ति होती है, वह भी उसके भाग्य में पहले से ही लिखी हुई होती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कोई भी जितनी भी शिक्षा प्राप्त करता है, वह उसके भाग्य से ही होती है.
आचार्य के अनुसार, कोई भी इंसान किसी भी तरह के बल या धन से दूसरे की शिक्षा नहीं ले सकता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, मौत भी भाग्य में पहले ही लिख दी जाती है. इसी वजह से मृत्यु को रोकना असंभव है.