आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आप सफलता पाना चाहते हैं तो सुरीली चिड़िया कोयल से भी काफी कुछ सीख सकते हैं.
चाणक्य के अनुसार, कोयल की वाणी में काफी मधुरता होती है, जिसकी वजह से लोग उसे पसंद करते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि इंसान की वाणी ही उसकी पहचान होती है. वाणी के जरिए ही उसका व्यवहार पता चलता है.
चाणक्य के अनुसार, वाणी ही ऐसी चीज है जो एक पल में किसी को दोस्त तो किसी को दुश्मन बना सकती है.
इसी वजह से आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान को कोयल जैसी मीठी वाणी वाला व्यक्ति होना चाहिए.
जिस इंसान के अंदर कोयल का यह गुण आ जाता है, उसे सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता है.
ऐसा आदमी सिर्फ अपनी वाणी के दम पर सफलता को हासिल कर सकता है और जीवन में तरक्की कर सकता है.
अगर आप किसी के लिए अच्छा नहीं बोल सकते हैं तो कुछ गलत कहने से ज्यादा चुप रहना बेहतर होता है.
मीठी वाणी वाले आदमी के सब मित्र होते हैं तो वहीं जो इंसान कड़वा बोलता है, लोग उससे बचना शुरू कर देते हैं.