आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों का वर्णन किया है जो हमेशा दुखहाल रहते हैं.
धरती पर भी इनका जीवन नर्क समान ही होता है. कष्ट ऐसे लोगों का साथ नहीं छोड़ते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान को जीवन में कभी झूठ का समर्थन नहीं करना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, अज्ञानी लोग ही झूठी बात को सच बनाने के लिए गवाही देने का काम करते हैं.
जो लोग झूठी गवाही देकर अपराध को बचाने के कार्य में शामिल होते हैं, वे सीधे नरक में जाते हैं.
दरअसल, अपराध को बचाने वाला भी करने वाले के बराबर ही दोषी माना जाता है.
चाणक्य के अनुसार, जो लोग अपराध करने वालों का साथ देते हैं, उनसे भगवान भी मुंह मोड़ लेते हैं.
झूठ का समर्थन करने वाला मनुष्य हमेशा किसी न किसी बड़े संकट से घिरा रहता है.
चाणक्य के अनुसार, इंसान को हमेशा सत्य पर टिका रहना चाहिए और उसी मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए.