आचार्य चाणक्य ने ऐसे तीन घरों का वर्णन किया है, जहां मां लक्ष्मी हमेशा वास करती हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इन तीन तरह के घरों में रहने वाले लोग हमेशा खुशहाल रहते हैं. पैसों से जेब भरी रहती है.
चाणक्य के अनुसार, जिस घर में मूर्खों की पूजा या तारीफ नहीं होती है, वहां मां लक्ष्मी जरूर वास करती हैं.
आचार्य चाणक्य के कथन का तात्पर्य है कि घर में कपूत अगर है तो धन का नाश होना निश्चित है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिन घरों में अन्न का भंडार भरा रहता है, वहां मां लक्ष्मी अपना वास जरूर करती हैं.
अन्न भंडारण से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं. उनकी कृपा से घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती है.
ऐसा करने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न रहती हैं. उनकी कृपा हमेशा घरवालों पर बरसती हैं.
जिन घरों में हमेशा लड़ाई-झगड़े का माहौल होता है, वहां मां लक्ष्मी कभी नहीं रहती हैं.
जिन घरों में हमेशा प्रेम और रिश्ते मजबूत नजर आते हैं, वहां मां लक्ष्मी खुद चलकर आती हैं.