आचार्य चाणक्य ने इंसान की तीन ऐसी गलतियों का वर्णन किया है जो उसे 20 साल की उम्र के बाद कभी नहीं करनी चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, जो भी इंसान 20 वर्ष की आयु के बाद इन गलतियों को करता है, वह हमेशा परेशान रहता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, 20 साल की उम्र के बाद इंसान को आलस त्याग देना चाहिए. कभी आलसी नहीं बनना चाहिए.
ऐसा कहा जाता है कि भगवान भी आलसी लोगों की मदद नहीं करते हैं. अपना कार्य बिना आलस करें. इससे सफल होने की ज्यादा संभावना है.
चाणक्य के अनुसार, बीस साल की उम्र के बाद इंसान को सोच-समझकर धन खर्च करना चाहिए. इस आयु में पैसे का महत्व समझना जरूरी है.
भविष्य में अगर कभी संकट के दौरान इंसान को मदद की जरूरत पड़ती है तो यह धन ही सबसे ज्यादा काम आता है.
चाणक्य के अनुसार, जो इंसान धन की बर्बादी करता है वह हमेशा परेशान रहता है. उसकी जेब हमेशा खाली रहती है.
चाणक्य के मुताबिक, क्रोध ही इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है. खासतौर पर 20 की उम्र के बाद क्रोध से दूर रहना ही बेहतर होता है.
चाणक्य के अनुसार, क्रोध करने से इंसान का खुद का ही नुकसान हमेशा होता है. ज्यादा क्रोध करने वाला इंसान हमेशा परेशान रहता है.