13 Aug 2024
AajTak.In
चाणक्य नीति के महान ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में ऐसी सात चीजों का जिक्र किया है, जिन्हें गलती से भी पैर नहीं लगाना चाहिए.
चाणक्य कहते हैं कि इन 7 चीजों को पैर लगाने वाले मनुष्य का नाश हो जाता है. उन्हें भगवान भी माफ नहीं करते. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र के 7वें अध्याय में एक श्लोक लिखा है. श्लोक है- 'पादाभ्यां न स्पृशेदग्निं गुरुं ब्राह्मणमेव च। नैव गावं कुमारीं च न वृद्धं न शिशुं तथा॥'
इस श्लोक का अर्थ है कि अग्नि, गाय, गुरु, ब्राह्मण, कुमारी कन्या, वृद्ध और शिशु को कभी पैर से नहीं छूना चाहिए. ऐसा करना असभ्यता है.
चाणक्य कहते हैं कि अग्नि को पैर से छूने पांव जल जाएगा. वैसे शास्त्रों में अग्नि को देवता माना गया है और देवताओं का अपमान नहीं करना चाहिए.
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हिंदू धर्म में अग्नि को बहुत पवित्र माना गया है. यही कारण है कि सभी महत्वपूर्ण कार्य अग्नि को साक्षी मानकर ही किए जाते हैं. इसलिए इसे पैर न लगाएं.
चाणक्य के अनुसार, गुरु, ब्राह्मण और वृद्ध पूजनीय व सम्माननीय होते हैं, इसलिए इन्हें भी पैर न लगाएं. ऐसा करने वाले लोग जीवनभर दुख भोगते हैं.
चाणक्य के मुताबिक, कुमारी कन्या और शिशु छोटे होने के बावजूद हमारे लिए आदरणीय होते हैं. इन्हें पैर लगाना पाप कमाने के समान ही होता है.
चाणक्य कहते हैं कि गाय को पैर से छूना महापाप होता है. हमारे वेद में कहा गया है कि जो मनुष्य गाय को लात मारता है, वह जड़-मूल से नष्ट हो जाता है.