आचार्य चाणक्य ने ऐसे घरों का वर्णन किया है, जहां हमेशा खुशहाली रहती है. परिवार के लोग मालामाल रहते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे घरों में कभी आर्थिक तंगी नहीं आती है, मां लक्ष्मी स्वयं अपना निवास करती हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस भी घर में मूर्खों की पूजा नहीं होती है, वहां खुशहाली रहती है.
चाणक्य के अनुसार, जो लोग मूर्खों की बजाय गुणवानों का आदर सम्मान करते हैं, वह हमेशा धनवान रहते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में चावल, अनाज या अन्य अन्न की चीजें हमेशा रहती हों, वहां पैसों की तंगी नहीं होती है.
चाणक्य कहते हैं कि जहां पति-पत्नी में किसी प्रकार की कलह नहीं होता है, ऐसे स्थान पर मां लक्ष्मी स्वयं आकर निवास करती हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस भी घर में पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है, वहा सकारात्मकता भी बनी रहती है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता हो, वहां रहना भी मां लक्ष्मी को पसंद है.
ऐसे घरों में मां लक्ष्मी न सिर्फ अपना वास करती हैं, बल्कि परिवार के हर सदस्य पर अपनी विशेष कृपा बरसाती हैं.