चाणक्य को भारत का महान विद्वान कहा जाता है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन की जटिल समस्याओं और उनके हल का वर्णन किया है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, माता-पिता को हमेशा अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिए. पैरेंट्स को उनके सामने तीन काम कभी नहीं करने चाहिए.
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चाणक्य का कहना है कि माता-पिता को बच्चों के सामने बहुत सोच-समझकर शब्दों का प्रयोग करना चाहिए. आपकी वाणी में दोष नहीं होना चाहिए.
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बच्चों के सामने अहंकार, द्वेष, क्रोध, अपमान जैसे भाव या अपशब्द जैसे गैर-मर्यादित मूल्यों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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पैरेंट्स को कभी बच्चों के सामने झूठ नहीं बोलना चाहिए. ऐसा करने वाले माता-पिता बहुत जल्द अपने बच्चों की नजरों में सम्मान खो बैठते हैं.
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और यदि बच्चों ने ही झूठ बोलने की आदत को स्वीकार कर लिया तो उन्हें अच्छे संस्कार देना माता-पिता के लिए मुश्किल हो जाएगा.
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माता-पिता के निजी झगड़े का असर बच्चों के ऊपर कभी नहीं पड़ना चाहिए. उन्हें कभी बच्चों के सामने एक दूसरे का अपमान नहीं करना चाहिए.
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बच्चों के सामने कभी गलत बात का प्रोत्साहन न करें. उन्हें शुरुआत से ही सही और गलत के बीच फर्क करना सिखाएं.
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