आचार्य चाणक्य ने अच्छे मित्र को लेकर कई सारी बातें बताई हैं.
चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र ग्रंथ में जीवन भर साथ निभाने वाले मित्र के स्वरूप की भी चर्चा की है.
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में ऐसे मित्र का जिक्र किया है जो इंसान के आखिरी समय तक साथ निभाते हैं.
आइए जानते हैं जीवन भर साथ निभाने वाले उन मित्रों के बारे में...
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने घर से बाहर रहता हो उसके लिए ज्ञान से बड़ा कोई मित्र नहीं होता है.
चाणक्य ये भी कहते हैं कि जो पत्नी अपने पति की सबसे अच्छी मित्र हो, उसे समाज में हमेशा मान-सम्मान मिलता है.
चाणक्य के मुताबिक जिस व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो उसके लिए दवा ही सच्चा मित्र है.
चाणक्य ने धर्म को इंसान का चौथा सबसे अच्छा मित्र बताया है.
चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति के लिए जिंदा रहते हुए धर्म के मार्ग पर चलते हुए किए गए काम ही याद रखे जाते हैं.