19 Mar 2025
By- Aajtak.in
समाज में ऐसी मान्यता है कि घर का बेटा कैसा है, इससे ही उस घर का भविष्य तय होता है.
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसे बेटे के बारे में बताया है जो परिवार का नाम रोशन करता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में ऐसा पुत्र हो, वहां हमेशा खुशहाली रहेगी. सकारात्मक माहौल बना रहेगा.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, पुत्र हमेशा गुणवान होना चाहिए. अगर पुत्र गुणवान है तो घर स्वर्ग समान हो जाता है.
चाणक्य के कथन में स्वर्ग समान घर का अर्थ है सुखों की प्राप्ति होना. अगर ऐसा पुत्र हो तो माता-पिता सुखी रहते हैं.
एक पिता हमेशा चाहता है कि उसका पुत्र गुणवान और सदाचारी हो, यही पिता के लिए सबसे बड़ा सुख भी है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर परिवार में गुणवान बेटा है तो समाज में भी खूब सम्मान किया जाता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पिता ने बचपन में जैसी शिक्षा दी है, उसी के आधार पर पुत्र में गुण आते हैं.
पिता को अपने बेटे को सदाचारी, गुणवान और विद्वान बनाना चाहिए. पिता का कर्तव्य है कि वह पुत्र को सभी विद्याओं में पारंगत बनाए.