25 July 2024
By- Aajtak.in
आचार्य चाणक्य ने इंसान की दो ऐसी आदतों का वर्णन किया है जिनकी वजह से आदमी हमेशा पैसों के लिए तंगहाल रहता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यह दोनों आदतें जिस भी इंसान में हो उसकी जेब में कभी पैसा नहीं टिकता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी मनुष्य के अंदर आलस नहीं होना चाहिए. आलस विनाशकारी होता है.
अगर किसी इंसान में आलस होता है तो वह इसी कारण वह मौके भी छोड़ देता है जिसमें सफलता मिल सकती थी.
इंसान का आलस ही उसे हर कामयाबी पाने से रोक देता है. आलस करने वाले को मां लक्ष्मी कभी पसंद नहीं करती हैं.
इसी वजह से जिस इंसान के अंदर आलस होता है वह कभी धनवान नहीं हो पाता है. कभी उसके पास पैसा नहीं रह पाता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी इंसान के अंदर धन की फिजूलखर्ची की आदत भी नहीं होनी चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग फिजूलखर्च होते हैं वह हमेशा खुद का बड़ा नुकसान उठाते हैं. हमेशा तंगहाल रहते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि संकट में धन ही इंसान का सबसे बड़ा मित्र है, इसलिए उसकी बचत हमेशा जरूरी होती है.