आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में दान देने को सबसे उत्तम कार्यों में से एक बताया है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो इंसान दान देता है उसका धन घटता नहीं है बल्कि बढ़ जाता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, हर एक इंसान को धार्मिक जगहों को दान जरूर देना चाहिए.
इसके साथ ही आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान को गरीबों की मदद के लिए दान जरूर करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, दान से जुड़े ये दो कार्य जो करता है वह हमेशा खुशहाल रहता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, दान देने वाला इंसान तेजी से अमीर होता है. दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता है.
वहीं आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों के घर-परिवार में भी खुशहाली रहती है. कभी परेशानी नहीं आती है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान दान नहीं करता है, वह हमेशा आर्थिक तंगी से जूझता रहता है.
दान न देने वाला आदमी पैसों के लिए तो तंग रहता ही है, जीवन में सुख-शांति भी नहीं रहती है.