20 Feb 2025
By- Aajtak.in
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुछ जगहों पर दान करने को लेकर आदमी को कंजूस नहीं होना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति इन चीजों में धन खर्च करता है वह कभी परेशान नहीं रहता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, इन चीजों में दान करने वाले की दौलत घटती नहीं है बल्कि बढ़ जाती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति के पास अगर धन है तो उसे दिल खोलकर गरीब और बेसहारा लोगों की सहायता करनी चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह खुद को धार्मिक और सामाजिक तौर पर ठीक महसूस करता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, आदमी को धर्म-कर्म के क्षेत्र में भी अपनी हैसियत के हिसाब से खूब धन खर्च करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को किसी भी मंदिर या तीर्थस्थल के लिए दान करने से पहले कभी सोचना नहीं चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, दान करने से लोगों को ना सिर्फ फायदा मिलता है बल्कि अनेक तरीकों से संतुष्टि मिलती है.
आदमी को वित्तीय स्थिति को ध्यान रखते हुए बढ़-चढ़कर सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेना चाहिए. यहां भी कंजूसी नहीं करनी चाहिए.