आचार्य चाणक्य ने 5 ऐसे सवालों का वर्णन किया है, जो इंसान को खुद से हमेशा पूछते रहना चाहिए.
इंसान इन सवालों को खुद से पूछता रहे तो उसे कभी विफलता नहीं हासिल होगी.
चाणक्य कहते हैं कि समझदार व्यक्ति को चाहिए कि इन बातों के संबंध में सदैव सोचता रहे.
इंसान को सोचना चाहिए कि उसका समय कैसा चल रहा है? साथ ही उसके कितने दोस्त हैं, जो असल में दोस्त हैं.
इंसान को यह भी सोचते रहना चाहिए कि वह जहां रहता है, वह जगह कैसी है?
साथ ही इंसान को यह भी सोचते रहना चाहिए उसकी कमाई कितनी है और खर्च कितना है?
वहीं इंसान को हमेशा यह भी सोचना चाहिए वह कौन है, उसकी शक्ति क्या है अर्थात वह क्या करने में समर्थ है.
यह ऐसे सवाल हैं, जो मनुष्य की सफलता के साथ भी जुड़े हैं. अगर इनके जवाब सकरात्मक हैं तो कोई सफल होने से नहीं रोक सकता है.
अगर इन सवालों के जवाब नकारात्मक हैं तो बदलाव करने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.