04 Oct 2024
By- Aajtak.in
हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यताओं में दान देना शुभ कार्य कहा गया है. चाणक्य ने भी इसे उत्तम कार्य बताया है.
आचार्य चाणक्य की मानें तो दान करने से किसी आदमी की दौलत घटती नहीं बल्कि उल्टा बढ़ जाती है.
हालांकि, आचार्य चाणक्य ने दान देते समय सिर्फ एक चीज का खासतौर पर ध्यान रखने के लिए कहा है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी आदमी को कभी भी अपनी हैसियत से ज्यादा दान नहीं करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को कुछ भी चीज दान अपनी सक्षमता के अनुसार ही करनी चाहिए.
जो व्यक्ति बिना कुछ सोच-विचार किए दान करता है वह कई बार खुद ही बड़ा नुकसान उठाता है.
चाणक्य कहते हैं कि दान सिर्फ उतना करना चाहिए जितना देने में इंसान सक्षम हो नहीं तो हमेशा परेशान रहता है.
चाणक्य कहते हैं कि इतिहास में भी ऐसे कई उदाहरण है जो दान करने के चक्कर में बर्बाद हो गए. भिखारियों की तरह जीवन काटा.
इसी वजह से व्यक्ति को दान जरूर करना चाहिए लेकिन देते समय अपनी धन-संपत्ति को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए.