20 Sep 2024
By- Aajtak.in
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में दान को सबसे उत्तम कार्यों में से एक बताया है. लोगों को हैसियत के अनुसार दान जरूर करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं दान करने से किसी की धन-दौलत में कमी नहीं आती है बल्कि वह और ज्यादा धनवान हो जाता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जरूरतमंदों और गरीबों की हमेशा धन से जुड़ी मदद जरूर करनी चाहिए.
बेसहारा और गरीब लोगों के भोजन, कपड़ों व दवा जैसी चीजों में धन खर्च करने से पहले कभी नहीं सोचना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, आदमी को कभी भी धार्मिक कार्यों के लिए पैसा खर्च करने से पहले सोचना नहीं चाहिए.
धार्मिक चीजों के लिए पैसा खर्च करने वाला हमेशा धनवान रहता है. ऐसे व्यक्ति के जीवन में खुशहाली बनी रहती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, मनुष्य को सामाजिक कार्यों में भी धन खर्च करने में कभी कंजूस नहीं होना चाहिए.
हर व्यक्ति की समाज के प्रति कुछ जिम्मेदारी होती है. सही जगह पर धन खर्च करने से नुकसान नहीं बल्कि फायदा ही होता है.
चाणक्य यह सलाह भी देते हैं कि दान हमेशा अपनी हैसियत के अनुसार ही करना चाहिए. हैसियत से ज्यादा दान कंगाल भी कर सकता है.