आचार्य चाणक्य ने तीन ऐसी चीजों का वर्णन किया है, जिनके लिए दान देने से पहले कभी सोचना नहीं चाहिए.
आचार्य चाणक्य का मानना है कि जो भी इंसान इन तीन चीजों के लिए दान देता है, वह हमेशा सुखी रहता है.
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, अगर आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो कभी गरीबों की मदद में पीछे नहीं हटना चाहिए.
अगर कोई अमीर है तो उसे रोग से पीड़ित बेसहारा लोगों के इलाज पर खर्च करने से पीछे नहीं हटना चाहिए.
चाणक्य का मानना है कि जो इंसान ऐसा करता है, वह खुद को सामाजिक और धार्मिक नजरिए से ठीक पाता है.
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, किसी भी मनुष्य को धर्म-कर्म के नाम पर भी कभी भी दान से नहीं कतराना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान को जब भी मौका मिले उसे तभी किसी मंदिर या तीर्थस्थल पर दान अवश्य करना चाहिए.
चाणक्य का मानना है कि जो मनुष्य दान करता है, उसे लाभ तो होता ही है, साथ-साथ मन को संतुष्टि भी मिलती है.
चाणक्य के अनुसार, कभी भी मनुष्य को समाज व देश के कल्याण के लिए भी दान करने से पहले नहीं सोचना चाहिए.