आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसी तीन खूबियों का वर्णन किया है जो एक घर के मुखिया के अंदर जरूर होनी चाहिए.
जिस घर के मुखिया के अंदर यह तीन खूबियां होती हैं उस घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है.
चाणक्य नीति के अनुसार, घर के मुखिया का समझदार होना काफी जरूरी है. उसे हमेशा पैसे का सही इस्तेमाल करना चाहिए और सिखाना भी चाहिए.
जिस घर में मुखिया पैसे का ठीक इस्तेमाल करता है, फिजूलखर्ची पर रोक लगाता है वह परिवार हमेशा धनवान रहता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, मुखिया के ऐसा करने की वजह से परिवार में तरक्की के योग बनते हैं. घर में बरकत रहती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी घर के मुखिया का अनुशासित होना काफी ज्यादा जरूरी है. साथ ही परिवार को भी अनुशासन की सीख देनी चाहिए.
जिस परिवार में अनुशासन सर्वप्रथम होता है और मुखिया हमेशा अनुशासित होता है उस घर के लोग हर काम में सफल होते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी घर के मुखिया को कान का कच्चा भी नहीं होना चाहिए. दूसरों की बातों पर भरोसा नहीं करना चाहिए.
हमेशा मुखिया को अपनी आंखों से देखी गई बात पर ही भरोसा करना चाहिए. ऐसा नहीं हुआ तो परिवार के लोगों के संबंधों में खटास आती है.