हर बेटे को पिता के लिए करना चाहिए ये काम, हमेशा रहेगा खुशहाल

आचार्य चाणक्य के अनुसार, संसार में हर पुत्र को पिता की इच्छा अनुसार चलने वाला होना चाहिए. 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुत्र का कर्त्तव्य है कि वह अपने पिता के अनुभवों से हमेशा लाभ उठाए. 

चाणक्य के अनुसार, पिता की आज्ञा अनुसार कार्य करने से ही वह पिता की संपत्ति का अधिकारी हो जाता है.

वहीं परिवार में सुख और शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि पुत्र अपने पिता की आज्ञा के अनुरूप ही कार्य करे.

जिस घर में पिता की आज्ञा से कार्य करने वाला पुत्र रहता है, वहां हमेशा खुशहाली बनी रहती है.

पिता के अनुभवों से सीख लेकर जीवन में आगे बढ़ने वाला आदमी हमेशा अपने काम में तरक्की करता है. 

वहीं अगर कोई पुत्र अपने पिता का अपमान करता है और उनकी आज्ञा नहीं मानता है तो इससे नुकसान ही होता है. 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में गुणवान पुत्र रहता है, वह घर किसी स्वर्ग से कम नहीं होता है.

जबकि जिस घर में कपूत होता है, वहां माहौल नर्क से कम नहीं होता है. परिवार में खुशहाली नहीं रहती है.