आचार्य चाणक्य ने एक ऐसे आदमी का वर्णन किया है जिससे स्वर्ग लोक में बैठे देवी-देवता भी प्रसन्न रहते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, देवी-देवताओं की कृपा से वह आदमी कभी कष्टों को नहीं भोगता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, यह संसार भी ऐसे आदमी के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होता है.
धर्म का पालन करते हुए सदाचारपूर्वक श्रम कर जो मिल जाए, उसमें संतुष्ट रहने वाले आदमी से देवी-देवता प्रसन्न रहते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे आदमी का जीवन हमेशा आराम में गुजरता है. मन पर कोई बोझ नहीं रहता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, इस तरह का मनुष्य कभी परेशान नहीं रहता है. छोटे-छोटे संकट भी तुरंत खत्म हो जाते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे आदमी को किसी के प्रकार के कष्टों का मुख नहीं देखना पड़ता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सभी लोग ऐसे आदमी का खूब सम्मान भी करते हैं. समाज के हर वर्ग से इज्जत मिलती है.
मनुष्य के संतोष करने की आदत ही उसे खुशहाल रखती है. परिवार में भी इसी वजह से सुख-शांति कायम रहती है.