आचार्य चाणक्य के अनुसार, घर का मुखिया अगर कुछ गलतियां करता है तो उसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है.
चाणक्य के अनुसार, घर के मुखिया को हमेशा इन गलतियों से बचकर ही रहना चाहिए, तभी पूरा परिवार खुश रह सकता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर घर का मुखिया कोई नियम बनाता है तो सबसे पहले उसे खुद सभी नियमों का पालन करना चाहिए.
कई बार घर के बड़े कानून बना तो देते हैं लेकिन खुद ही अमल नहीं करते हैं. ऐसे घरों में खुशियां ज्यादा समय तक नहीं रहती हैं.
चाणक्य के अनुसार, घर के मुखिया को कभी भी अन्न की बर्बादी नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से घर की बरकत रुक जाती है.
घर के मुखिया को अन्न, जल, धन की बर्बादी से बचना चाहिए नहीं तो पूरा परिवार ही कंगाली के जाल में फंस जाता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि घर के मुखिया को हमेशा परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पैसा खर्च करना चाहिए.
इसके साथ ही घर में जो बच्चे हैं उनके भविष्य के लिए भी परिवार के मुखिया को धन की बचत जरूर करनी चाहिए.
अगर परिवार का मुखिया ही फिजूल खर्च करता है तो घर में हमेशा धन की परेशानी बनी रहती है. इसके साथ ही बरकत नहीं होती है.