20 Aug 2024
By- Aajtak.in
कई बार लोग आपस में लड़ाई करने के बाद क्रोधित होकर एक-दूसरे से नाराज होकर बैठ जाते हैं.
कुछ लोग अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए अलग-अलग तरीके भी अपनाते हैं, जिससे कई बार मामला बढ़ भी जाता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आप किसी से बेहद नाराज हैं तो उसे अपनी नाराजगी जाहिर मत कीजिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि नाराजगी दिखाने से ज्यादा बेहतर है कि आप उसे अहमियत ही देना बंद करें.
अगर आप उस व्यक्ति की अहमियत अपने जीवन में कम कर देंगे तो आपको बार-बार सब कुछ सोचकर गुस्सा नहीं आएगा. मन को कष्ट नहीं रहेगा.
वहीं कई बार जब लंबे समय तक जीवन में किसी इंसान की अहमियत खत्म हो जाती है तो नाराजगी भी खत्म हो जाती है.
वर्तमान में अहमियत कम होना सामने वाले को बुरा जरूर लग सकता है लेकिन इसका कोई हिंसक जवाब नहीं दिया जा सकता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को नकारात्मक भावनाओं को लंबे समय तक अपने ऊपर हावी नहीं रहने देना चाहिए.
ऐसा करने से मनुष्य का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है और साथ ही जीवन में भी सब कुछ अच्छा होनी की आशा बढ़ जाती है.