आचार्य चाणक्य ने किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले ऐसी गलती का वर्णन किया है जो भाग्यवानों को भी सफल नहीं होने देती है.
चाणक्य के अनुसार, कोई इंसान कितना भी भाग्यवान खुद को समझता हो, इस गलती की वजह से बर्बाद हो जाता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक चूक ही उसे आगे नहीं बढ़ने देती है. जो काम शुरू करता है, वह ठीक दिशा में आगे नहीं बढ़ पाता है.
चाणक्य के अनुसार, इंसान को सफलता का अवसर पहचाने बिना कोई कार्य कभी शुरू नहीं करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो भी इंसान सफलता का अवसर पहचाने बिना कार्य शुरू करता है, वह जल्द ही कंगाल हो जाता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जल्द ही ऐसा आदमी लक्ष्मी रहित हो जाता है अर्थात लक्ष्मी उसका साथ छोड़ जाती हैं.
चाणक्य कहते हैं कि कोई खुद को कितना ही भाग्यवान समझे लेकिन बिना सोच-विचार किए कोई कार्य शुरू न करे.
अगर कोई नया कार्य शुरू करने की योजना बना रहा है तो उसके ठीक समय की पहचान करे और ठीक से जांच करे.
अगर आदमी ऐसा नहीं करता है तो वह जीवन में कभी तरक्की नहीं कर पाता है. जो उस के पास होता है वह भी खो देता है.