कंगाल हो जाएगा दूसरों की इस चीज से चिढ़ने वाला, कभी नहीं रहेगा खुशहाल

आचार्य चाणक्य ने ऐसे इंसान का वर्णन किया है जो कभी धनवान नहीं हो पाता है. एक आदत ही सब बिगाड़ देती है. 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, आदमी को कभी दूसरे व्यक्ति की धन-संपत्ति से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए. 

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसा करना एकदम गलत बताया है. इससे खुद का ही नुकसान होता है.

चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति दूसरों के पास धन होने की वजह से उनसे ईर्ष्या करता हो तो वह कभी खुशहाल नहीं रहता है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसा आदमी चाहकर भी कभी धनवान नहीं बन पाता है. सारी कोशिशें बेकार हो जाती हैं.

चाणक्य के अनुसार, दूसरों की धन-संपत्ति से चिढ़ने वाला आदमी कभी अपने लिए भी कुछ नहीं कर पाता है.

ऐसे आदमी की ईर्ष्या ही उसकी सबसे बड़ी दुश्मन होती है. धीरे-धीरे उसे बर्बाद कर देती है. 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आपके पास जितना भी है उसमें संतुष्ट रहना सीखना चाहिए. आदमी हमेशा खुशहाल रहता है.

जो इंसान दूसरों को देख-देखकर सिर्फ ईर्ष्या करता है, वह कभी आगे नहीं बढ़ पाता है. हमेशा परेशान रहता है.