चाणक्य के अनुसार, इंसान को कभी तीन चीजों का संकोच खुशहाल नहीं रहने देता हैं. इन चीजों में कभी संकोच न करें.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो आदमी इन तीन चीजों में संकोच करता है, वह हमेशा दूसरों से पीछे रह जाता है.
चाणक्य के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को कभी धन-धान्य से जुड़े लेन-देन में संकोच नहीं करना चाहिए.
जो इंसान पैसों के मामले में संकोच करता है, वह हमेशा अपना ही नुकसान करता है. इसलिए ऐसा संकोच कभी नहीं करना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, इंसान को विद्या या किसी कला को सीखने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, विद्या अथवा किसी गुण को सीखते समय संकोच करने से भी हानि होती है.
जो इंसान विद्या या किसी कला को सीखने में लज्जाहीन महसूस करता है, वह हमेशा परेशान रहता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान को भोजन करते समय कभी संकोच नहीं करना चाहिए.
भोजन करते समय जो व्यक्ति संकोच करता है, वह भूखा रह जाता है, इसलिए भोजन के समय संकोच न करके अपने विचार स्पष्ट रूप से व्यक्त करने चाहिए.