काफी लोगों को दिन में एक बार नींद लेने की आदत होती है जो उनके लिए परेशानी की वजह बन सकती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर किसी के अंदर दिन में नींद लेने की आदत है तो उसे छोड़ देना ही बेहतर है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो इंसान को दिन के समय कभी नहीं सोना चाहिए. ऐसा करना ठीक नहीं होता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, दिन में सोना नहीं चाहिए. दिन में सोने से कार्य की हानि होती है.
इसके साथ ही चाणक्य कहते हैं कि दिन में सोने से शरीर में अपच, वायु-विकार आदि दोष उत्पन्न हो जाते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, दिन में सिर्फ बीमार लोगों का सोना ही ठीक है. साथ ही बालकों को भी दिन में सो जाना चाहिए.
वहीं आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कोई इंसान अगर दिन में सोता है तो इसका असर उसकी आयु पर भी पड़ सकता है.
चाणक्य के अनुसार, सोते समय सांस तेजी से चलती है अर्थात जागते समय वह जितनी सांसे लेता है, सोते समय उनकी संख्या में वृद्धि हो जाती है.
ऐसे में आचार्य चाणक्य का मानना है कि हर एक व्यक्ति की सांसें निश्चित हैं. इसलिए दिन में सोना आयु-नाशक हो सकता है.