आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान को भूलकर भी चार लोगों को कभी अपना पैर नहीं लगाना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान को कभी कुंवारी कन्या, बूढ़े आदमी और छोटे बच्चों को पैरों से नहीं छूना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें करने से आपको नुकसान होता है लेकिन कुछ कार्यों को करने से समाज में अपयश होता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इन लोगों को पैर लगाने वाला कभी खुशहाल नहीं रहता है. ऐसा करने का अर्थ है कि वह समाज के विपरीत चल रहा है.
हमारी संस्कृति में लड़की को देवी के रूप में देखा जाता है. ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुंवारी लड़की को कभी पैर नहीं लगाना चाहिए. ऐसा करना गलत होता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी बच्चों और बूढ़े लोगों को भी पैर नहीं लगाना चाहिए. ऐसा करना भी गलत बताया गया है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, बूढ़े आदमी और बच्चे भी सम्मान के पात्र होते हैं इसलिए इन्हें कभी पैर से नहीं छूना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, इंसान को पूज्य को यथायोग्य सम्मान देने पर आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है.
ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पूज्य का अनादर करने से इन सभी चीजों का नुकसान भी हो सकता है.