हर जगह करवाते हैं बच्चों का तिरस्कार, दुश्मन से कम नहीं होते हैं ऐसे मां-बाप

06 Mar 2025

By- Aajtak.in

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में उन माता-पिता को बिल्कुल गलत बताया है जो बच्चों को शिक्षा नहीं दिलाते हैं. 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे मां-बाप की वजह से ही उनके बच्चे जीवन भर कोई न कोई दुख भोगते हैं.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो माता-पिता बच्चों के साथ ऐसा करते हैं, वह उनके किसी शत्रु से कम नहीं होते हैं.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, विद्वानों के बीच कोई भी अनपढ़ बालक शोभा नहीं पाता है. ऐसी जगह सिर्फ तिरस्कार होता है.

विद्वानों के बीच उस बालक का अपमान उसी तरह होता है, जिस तरह हंसों के झुंड में बगुले की स्थिति.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान की योनि में पैदा होने से ही कोई बुद्धिमान नहीं हो जाता है. बुद्धिमान होने के लिए शिक्षा जरूरी है.

चाणक्य के अनुसार, सभी इंसानों की शक्ल-सूरत, आकार-प्रकार तो एक तरह का होता है, उनके ज्ञान से ही सिर्फ फर्क नजर आता है.

चाणक्य के अनुसार, जिस तरह सफेद हंसों में बैठा बगुला हंस नहीं होता, उसी तरह अनपढ़ भी पढ़े-लिखों के बीच शोभा नहीं पाता है.

चाणक्य के अनुसार, हर माता-पिता का कर्तव्य है कि वह बच्चों को शिक्षा जरूर दिलाएं, जिससे वह बच्चे समाज की शोभा बन सकें.