पिता समान होते हैं ये 3 लोग, बुरा समय ला देगा इनका अपमान

आचार्य चाणक्य के अनुसार, विद्या देने वाले गुरु का भूलकर भी मनुष्य को अपमान नहीं करना चाहिए. 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, गुरु के बिना ज्ञान हासिल नहीं होता है, इसलिए गुरु को पितृ यानी पिता का दर्जा दिया गया है.

गुरु का अपमान करने वाले इंसान को जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

आचार्य चाणक्य ने पेट भरने को अन्न देने वाले मनुष्य को भी पिता की श्रेणी में रखा है.

चाणक्य कहते हैं कि अन्न देने वाले की हमेशा सेवा करनी चाहिए. कभी इनका अपमान नहीं करना चाहिए.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, मनुष्य को हमेशा भय से मुक्त रखने वाला इंसान भी उसके पिता समान होता है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भय मुक्त रखने वालों की हमेशा सेवा करनी चाहिए.

चाणक्य के अनुसार, अनजाने में अगर इनका अपमान हो जाए तो तुरंत माफी मांग लेनी चाहिए. 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ये तीनों लोग पितर समान होते हैं, इनका अपमान आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है.