आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस इंसान का विनाश निकट होता है वह अपने हित की बात भी नहीं सुनता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब इंसान के बुरे दिन आते हैं तो वह अपना भला चाहने वाले की बात की ओर ध्यान नहीं देता है.
चाणक्य के अनुसार, भला चाहने वाला कितनी भी कोशिश कर ले फिर भी वह विनाश को नहीं रोक सकता है.
जिस आदमी के दिन अच्छे नहीं चल रहे होते हैं, उस आदमी को अच्छी सलाह भी खराब लगने लगती हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार मुनष्य के विनाश से पूर्व ही उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है.
ऐसा आदमी अच्छे और बुरे में समझ नहीं कर पाता है और उसका नुकसान होता हुआ चला जाता है.
चाणक्य के अनुसार, अगर आदमी को अच्छे दिन लाने हैं तो हमेशा बुद्धिमान लोगों से ही सलाह लेनी चाहिए.
चाणक्य कहते हैं कि जो लोग मूर्ख लोगों से सलाह लेते हैं और उस पर आगे बढ़ते हैं, वैसे लोग बर्बाद हो जाते हैं.
चाणक्य के अनुसार, मूर्ख लोग हमेशा ऐसी सलाह ही देते हैं जो किसी काम की नहीं होती है. उनकी सलाह हमेशा नुकसान देती है.