आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुछ गुणों के जरिए ही सज्जन इंसान की पहचान की जाती है.
जिस इंसान में यह गुण होते हैं, वह हमेशा खुशहाल रहते हैं. कभी धन की परेशानी नहीं होती है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान धर्म में निरंतर लगा रहता है, वह कभी परेशान नहीं रहता है.
धर्म में लगे रहने से इंसान हमेशा सुखी रहता है. ईश्वर की कृपा उसके सिर पर रहती है.
चाणक्य के अनुसार, जो इंसान दान देने के लिए सदैव उत्सुक रहता है, उस पर कभी संकट नहीं आता है.
शास्त्रों में भी कहा गया है कि दान देने से इंसान का धन घटता नहीं बल्कि बढ़ जाता है.
वहीं चाणक्य के अनुसार, सज्जन लोगों की विशेषता होती है कि उन्हें शास्त्रों का ज्ञान होता है.
जो इंसान शास्त्रों का ज्ञान रखता हो, वह कभी गलत रास्ते पर नहीं चलता है. हमेशा सकारात्मक जीवन जीता है.
इन चारों गुणों वाला सज्जन धरती पर किसी देवता से कम नहीं है. ऐसे आदमी से सब खुश रहते हैं, कोई बैर नहीं रखता है.