आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों का वर्णन किया है जो अपनी मीठी बातों के जरिए सज्जन लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं.
ऐसे लोगों की बात में जो आ जाता है वह हमेशा नुकसान ही झेलता है. कभी भी ऐसे लोगों की बातों में नहीं आना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, मन की वास्तविक बात को छिपाकर बनावटी बातें करने वाला दुष्य व्यक्ति होता है.
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में कहा है कि धोखा देने वाले दुष्ट लोग मन की दुष्टता को छिपाए रखते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग सिर्फ वाणी से ही दूसरे के सामने मीठी-मीठी बातें करते हैं. मन में कुछ और होता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कई बार ऐसे लोगों की मीठी बातों से सज्जन पुरुष भी धोखे में पड़ जाते हैं.
आचार्य चाणक्य में लोगों को सलाह देते हुए कहा है कि दुष्ट लोगों की इस प्रकार की वाणी पर विश्वास नहीं करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भूलकर भी ऐसे लोगों पर कभी विश्वास नहीं करें. जो करता है वह हमेशा नुकसान उठाता है.
चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों की संगत में जो भी रहता है वह किसी भी समय इनके धोखे का शिकार हो सकता है.