दो पैरों वाले जानवर के समान है ये इंसान, कभी नहीं रहता है खुशहाल 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, मूर्ख आदमी देखने में बेशक मनुष्य जैसा है लेकिन असल में वह दो पैर वाले पशु के समान है.

चाणक्य के अनुसार, मूर्ख व्यक्ति से हमेशा दूर ही रहना चाहिए. ऐसा आदमी सज्जनों को हमेशा कष्ट ही पहुंचाता है. 

यह आदमी सज्जनों को उसी तरह से कष्ट पहुंचाता है जैसे शरीर में चुभा हुआ कांटा शरीर को निरंतर पीड़ा देता रहता है.

चाणक्य के अनुसार, जैसे कांटा छोटा होने के कारण गायब हो जाता है और शरीर में धंस जाता है. मूर्ख की भी यही स्थिति है. 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख इंसान अनजाने में दुख और पीड़ा का कारण बनता है. दूसरे के लिए संकट पैदा कर देता है.

चाणक्य कहते हैं कि इनकी पहचान कर लेनी चाहिए क्योंकि अक्सर लोग मूर्ख की ओर ध्यान नहीं देते हैं और साधारण मनुष्य समझने की गलती कर देते हैं. 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, मूर्ख लोग किसी भी कार्य में कभी अच्छा नहीं कर पाते हैं. सलाह तो इनकी बर्बाद कर सकती है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी किसी मूर्ख इंसान न सलाह लेनी चाहिए न उसकी सलाह पर अमल करना चाहिए. 

अगर आपने किसी मूर्ख इंसान को सलाह मान ली तो वह आपको बर्बादी की कगार पर पहुंचा सकता है.