06 August 2024
By- Aajtak.in
आचार्य चाणक्य ने तीन ऐसे लोगों का वर्णन नीति शास्त्र में किया है जो सिर्फ तब ही आपके साथ हैं जब तक धन आपके पास है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आपके ऊपर आर्थिक संकट आ जाते हैं तो यह लोग साथ छोड़कर निकल जाते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब इंसान के पास धन नहीं होता है तो उसके दोस्त, भाई-बंधु सब उसका साथ छोड़ देते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आदमी के पास धन खत्म हो जाता है तो उसके करीबी भरोसेमंद लोग भी साथ छोड़ देते हैं.
सबसे खास बात है कि अगर इंसान के पास फिर से धन-संपत्ति आ जाए तो वह सभी एक बार फिर उसी इंसान का आश्रय ले लेते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इस दुनिया में धन ही आदमी का असल बंधु होता है. धन ही है जो मुश्किल समय में काम आता है.
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में धन के व्यावहारिक पक्ष को बताते हुए कहा है कि इसी के इर्द-गिर्द सारे संबंधों का ताना-बाना हुआ करता है.
इसलिए ही आचार्य चाणक्य धन की बचत पर जोर देते हैं. आचार्य कहते हैं कि मनुष्य को आपातकाल स्थिति के लिए हमेशा धन बचाना चाहिए.