बुरे कर्म वालों का कभी पीछा नहीं छोड़ेंगी ये 3 चीजें, जीवन भर रहेंगे परेशान

आचार्य चाणक्य ने कई ऐसे चीजों का वर्णन किया है जो बुरे कर्म करने वालों के साथ हमेशा रहती हैं. 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, दरिद्रता, रोग, दुख, बंधन तथा आपत्तियां- यह सब मनुष्य के अधर्म पूरी वृक्ष के फल हैं. 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, मनुष्य जैसे कर्म करता है, उसे जीवन में ऐसे ही फलों की प्राप्ति भी होती है. 

जो मनुष्य हमेशा गरीबी से जूझता रहता है. पैसों के लिए हमेशा मोहताज रहता है, वह उसके बुरे कर्मों का नतीजा भी हो सकता है. 

वहीं चाणक्य के अनुसार, अगर कोई इंसान सदैव किसी न किसी बीमारी से पीड़ित रहता है, यह स्थिति भी दुष्कर्मों का फल हो सकती है. 

इसके साथ ही जो इंसान बिना किसी कारण हमेशा संकटों से घिरा रहता है, यह भी उसके बुरे कर्मों का फल हो सकता है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य का कर्त्तव्य है कि वह हमेशा अच्छे कर्म ही करे जिससे उसका जीवन हमेशा खुशहाल बीते. 

जो इंसान इस दुनिया में आकर अच्छे कर्म करता है, उसे हमेशा उसका मीठा फल ही प्राप्त होता है. 

इसलिए कहा भी जाता है कि इंसान को अच्छे कर्म करते हुए आगे बढ़ते जाना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए.