आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान की सिर्फ एक आदत ही उसकी उम्र बढ़ा सकती है. साथ ही यश में वृद्धि का कारण बन सकती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी इंसान को हमेशा दूसरों के प्रति सदाचार यानी अच्छा व्यवहार रखना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, सदाचार से मनुष्य की आयु बढ़ जाती है. साथ ही समाज में सम्मान की वृद्धि होती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, दुराचारी मनुष्य अपने निकृष्ट कार्यों के कारण अनेक रोगों का शिकार हो जाता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अपनी गलत आदतों और कई गंभीर रोग लगने की वजह से ऐसा आदमी जल्द ही मौत के मुंह में चला जाता है.
चाणक्य के अनुसार, इसके उलट जो इंसान सदाचारी होता है, वह मन, वचन और कर्म द्वारा अपनी इंद्रियों को वश में रखने के कारण दीर्घायु होता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे इंसान का यश भी बढ़ता है और सदाचारी व्यक्ति का सभी सम्मान करते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान के व्यवहार के अनुसार ही समाज में दूसरे लोग उसके प्रति अपना व्यवहार रखते हैं.
इसी वजह से चाणक्य ने कहा है कि जो दूसरों से हमेशा विनम्रता और मधुर वाणी के साथ बात करता हो, उसका कभी कोई दुश्मन नहीं होता है.