10 August 2024
By- Aajtak.in
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसे लोगों की संगत का वर्णन किया है जिसमें रहने वाला हमेशा परेशान ही रहता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो भी इंसान इस तरह के लोगों से मित्रता रखता है वह हमेशा नुकसान उठाता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर एक मनुष्य को बुरे चरित्र वाले लोगों से कभी संबंध नहीं रखने चाहिए. वरना कभी भी संकट आ सकता है.
चाणक्य कहते हैं कि जो लोग बिना किसी वजह दूसरे को नुकसान पहुंचाते हैं उनकी संगत हमेशा नुकसान ही देती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे लोगों से भी कभी मित्रता का संबंध नहीं रखना चाहिए जो गंदे या संदिग्ध स्थान पर रहते हों.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऋषि-मुनियों भी कहते हैं कि इस तरह के लोगों की संगत नर्क में वास करने के समान होती है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, आदमी के लिए यही ठीक है कि वह जितना जल्दी हो पाए दुष्ट लोगों की संगत को छोड़ दे.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आप किसी से मित्रता करते हैं तो उस इंसान की अच्छी तरह से जांच-परख कर लेनी चाहिए.
चाणक्य कहते हैं कि अगर आपको उस इंसान में कोई दोष नजर आ रहा है तो उससे संबंध नहीं आगे बढ़ाना चाहिए. वरना आपको नुकसान मिलेगा.