आचार्य चाणक्य के अनुसार, आदमी की सिर्फ एक गलती उसके पूरे कुल का नाश कर देती है.
चाणक्य के अनुसार, ऐसा आदमी कहीं सम्मान नहीं पाता है. परिवार हमेशा उसकी वजह से दुखी रहता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी इंसान के दुर्वचन की वजह से सारे कुल का नाश हो जाता है.
कठोर वचन बोलने वाला व्यक्ति कुल को कलंकित कर देता है. ऐसे आदमी के घर वाले भी परेशान हो जाते हैं.
वहीं आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी इंसान की अच्छी मधुरवाणी उच्च कुल के होने का प्रमाण देती है.
मुख से वाणी निकलते ही सबसे पहले बोलने वाले के कुल की मर्यादा का पता चलता है कि वह कैसे कुल में पैदा हुआ.
इसलिए व्यक्ति को अपने कुल के गौरव के लिए अच्छी और मधुर भाषा का प्रयोग करना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, अच्छे कुल का व्यक्ति अगर कुवाणी बोलता है तो यह उसके कुल के पतन का कारण होता है.
चाणक्य के अनुसार, अगर वह अच्छी वाणी के साथ दूसरों से अच्छा व्यवहार करता है तो हमेशा प्रसन्न रहता है.