23 July 2024
By- Aajtak.in
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसे मनुष्य का वर्णन किया है जिसके लिए धरती भी स्वर्ग जैसी ही होती है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कई चीजें अगर हमेशा ठीक रहें तो समझ जाइए कि धरती पर ही आपको स्वर्ग मिल गया है.
चाणक्य के अनुसार, जिस आदमी का बेटा उसके वश में हो, पत्नी मन के हिसाब से काम करती हो, उसके लिए धरती स्वर्ग समान है.
आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि जो व्यक्ति अपनी कमाई, संपत्ति से संतुष्ट है तो उसके लिए धरती पर ही स्वर्ग है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, संसार में हर एक व्यक्ति सुखी रहना चाहता है. यही सुख ही स्वर्ग समान होते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्वर्ग लोक में भी सभी तरह के सुखों को उपभोग करने की कल्पना की गई है.
चाणक्य के अनुसार, अगर यह तीनों सुख किसी के पास हैं तो उसके लिए किसी अन्य स्वर्ग की कल्पना करना व्यर्थ है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वह मनुष्य ही स्वर्ग जाना चाहेगा जो यहां धरती पर दुखों को झेल रहा हो.
चाणक्य के कथन का अर्थ है कि धरती पर अगर सारे सुख मौजूद हैं तो दूसरे स्वर्ग की कल्पना ही क्यों की जाए.