By: Aaj Tak

बच्चों के लिए दुश्मन के समान होते हैं ऐसे माता-पिता: चाणक्य नीति


चाणक्य को भारत का महान विद्वान अर्थशास्त्री कहते हैं. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन की कई समस्याओं का स्पष्ट विवरण दिया है.


चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ऐसे परिजनों का भी जिक्र किया है, जो अपनी ही संतान के लिए शत्रु के समान होते हैं.


1. एक श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि जो माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान नहीं देते हैं, वो बच्चों के शत्रु के समान होते हैं.


अशिक्षित बच्चे हमेशा शिक्षित लोगों के आगे खुद को तिरस्कृत महसूस करते हैं. ऐसे बच्चे हंसों के झुंड में बगुलों के समान होते हैं.


2. हर माता-पिता का कर्तव्य है कि वो अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें. इसके अभाव में बच्चों के उज्जवल भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती.


3. बच्चों को हमेशा प्यार-दुलार के साथ रखें. लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि आप उनकी गलतियों को भी नजरअंदाज करते रहें.


गलती करने पर उन्हें उसके बारे में बताएं और अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करें. बच्चों को सही-गलत का फर्क समझाना बहुत जरूरी है.


चाणक्य कहते हैं कि जो माता-पिता बच्चों की परवरिश में इन 3 बातों का ख्याल नहीं रखते हैं, वो अपनी ही संतान के लिए शत्रु के समान होते हैं.