बिना किसी कारण क्यों न जाएं दूसरों के घर, चाणक्य ने बताया

मशहूर आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में बिना किसी कारण दूसरे के घर जाना ठीक नहीं बताया है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी इंसान को कभी बिना किसी कारण यानी व्यर्थ में दूसरे के घर नहीं जाना चाहिए.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बिना कारण किसी दूसरे के घर जाने से व्यक्ति का अपमान होता है.

आचार्य चाणक्य के कथन का अर्थ है कि इंसान को बुलावे या किसी काम से ही दूसरे व्यक्ति के घर जाना चाहिए.

अगर आदमी बिना बुलावे या बिना किसी कार्य अचानक दूसरे के घर जाता है तो उसका वहां अपमान भी हो सकता है.

वहीं चाणक्य के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे घर में रहता है तो वह कभी खुश  नहीं रहता है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति के जीवन में कई तरह की मुश्किलें हमेशा बनी रहती हैं. 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दूसरों के घर रहने से व्यक्ति की स्वतंत्रता पूरी तरह से खत्म हो जाती है.

इसलिए अगर जरूरी ही ना हो तो इंसान को व्यर्थ में किसी के घर जाने या उसके घर में रहने से बचना चाहिए.